ग़ज़ल

 हाय कोरोना

      


रोशनी किरण 

             आपदा का समय भी निकल जायगा । 

             खौफ़ का भी ये मंज़र बदल जायगा ।। १ ।।


             ध्यान ख़ुद का रखें और घर में रहें _

             ठीक होंगे सभी , जग संभल जायगा ।। २ ।।


             जो रखोगे नहीं ध्यान अपना सखा _

            क्या पता वक्त तुमको भी छल जायगा ।।३ ।।


             इस कोरोना _ कहर ने किया नाश सब _

             देख संसार को दिल दहल जायगा ।। ४ ।।


             आह सबकी " किरण " अब रुलाती हमें _

             देख दानव सभी मन पिघल जायगा ।। ५ ।।

             _______ 

                         

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