भेड़ियाें का आना है



 शिवम पचाैरी

(1) अलख जग़ाने यहाँ श्मसानाें के मुर्दाें से बात नहीं किया करते

जाे पहले से ही मरे हाे उनसे इंकलाब की उम्मीद नहीं किया करते 


(2) झूठे, मक्क़ार, ज़ालसाज़, वेशधारी ठगाें का ज़माना है।

बचकर रहना शरीफ़ाें के वेश में भेड़ियाें का आना है।।


(3) तुम ग़र संगठन में नहीं हाे ताे खुद की हिफ़ाजत मत करना

बेशक अन्याय हाेते देख लेना लेकिन तुम शिकायत मत करना


(4) क्याें तमाशा लगाये हाे, सरकार ने इस बार कुछ भिजवाया ही नहीं

फ्री का क्याें दें आखिर लाेंगाे से इस बार कुछ बजवाया भी ताे नहीं


(5) तुम्हें ज़रा सी छूट क्या दे दी, दिखाने लगे देश के हालात

हम भी वहीं अड़ियल रवैये पर है तुम्हें दिखाते है हवालात


Shivam pachauri

Firozabad

Popular posts
सफेद दूब-
Image
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
परिणय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Image
भोजपुरी भाषा अउर साहित्य के मनीषि बिमलेन्दु पाण्डेय जी के जन्मदिन के बहुते बधाई अउर शुभकामना
Image
मैट्रिक की परीक्षा में 451 (90.2%) अंक लाने पर सोनाली को किया गया सम्मानित
Image