श्वेता शर्मा
क्या किसी ने पूछा मजदूर से
इस लॉकडाउन में तुम कैसे जीते हो
क्या खाते हो क्या पीते हो
घर तुम्हारा कैसे चलता है
भूखे तुम कैसे सोते हो
क्या किसी ने पूछा मजदूर से
जिसने हमारे लिए रात दिन श्रम किया
स्वेद बहाया , रक्त दिया
आज वो खुद किस हाल में है
फँसा बेचारा माहमारी के जाल में है
बेरोजगारी उसे रुला रही है
पेट की आग सता रही है
आज मजदूर की ये दुर्दशा है
बेकारी की ये सजा है
कोई तो पहल करो बढ़ो आगे
शांत करो व्याकुलता इनकी
बढ़ो आगे , बढ़ो आगे।।
स्वरचित
श्वेता शर्मा
सुंदरनगर , ओम सोसायटी
रायपुर छत्तीसगढ़