नूर फातिमा खातून "नूरी"
आइए मिलकर वृक्ष लगाए हजार,
नेकी कमाएं और शुद्ध मिले बयार।
पेड़ों की सुरक्षा हो अपने पुत्रों जैसा,
पेड़ बचाओ न करो भावी वंशों पे अत्याचार।
कुदरत ने हमें बहुत सी नेमतें दिया,
रहेंगे अमन में गर करेंगे उसका सत्कार।
अब से भी पेड़ों को काटना बन्द करें,
जीवन रहेगा तभी अच्छा लगेगा कारोबार।
मन में घबराहट होता है "नूरी" अक्सर,
पानी तो खरीदा ही आक्सीजन के लिए जाना न पड़े बाजार।
नूर फातिमा खातून "नूरी"
(शिक्षिका)
जिला-कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
मौलिक स्वरचित