थका थका सा आदमी, बुझा हुआ है चेहरा।
कोरोना"नें लगा दिया है, हर साँस पर पहरा।
दहशत में लोग जीने को, मजबूर आजकल,
लगता है इसमें वैश्विक खणयंत्र कोई गहरा।।
पाना है अगर मंजिल, तो रुकना नहीं कहीं।
हों रास्ते कठिन पर, थकना नहीं कहीं ।
दुनिया में कोई काम भी, मुश्किल नहीं होता,
यदि लक्ष्य बनाओ तो ,भटकना नहीं कहीं।।
डाःमलय तिवारी
बदलापुर, जौनपुर