रेखा रानी
जब तक ज़िंदगी है ,
हँसकर गुजारो यारों।
मत जियो निराशा में
बिंदास गुजारो यारों।
तय किया है उस रब ने,
तुम केवल अपना क़िरदार,
निभालो यारों।
बुरा वक्त है,
गुज़र जाएगा
हर एक लम्हा
तेरी ज़िंदादिली से,
महक जाएगा।
बस एक बार खुलकर
खिलखिला लो यारों।
रेखा भोर आज़ भी ,
बाट जोहता है तेरी,
रात कहर की,
हिम्मत से गुजारो यारों।
थम ही जाएगीआंधी
कोरोना महामारी की,
एक दीया आस का जला लो यारों।
रेखा रानी:
विजयनगर गजरौला,
जनपद अमरोहा,
उत्तर प्रदेश।