चाँद, तुम्हे छूने की कोशिश में.............

 


राकेश चन्द्रा

 चाँद, तुम्हें छूने की कोशिश में

सिर्फ बौनापन मिला.

चाँद, तुम्हें पाने की कोशिश में

बस सूनापन मिला.


अब तुम्हें अपलक निहारूंगा......मैं चाँद!

आंगन में लेटे हुए

जब सुनाई पड़ेंगी नन्हे पदचापों

की मासूम किलकारियां 

या हवा में लहराती हुई

चूड़ियों का मधुर हास-परिहास;

जब फिर कोई बिना मेहँदी वाली हथेलियां 

धधकाएंगी चूल्हों में

रेशमी सपनों की आंच.


चहरदीवारियों की सरहदों के भी पार, चाँद

मैं तुम्हें अपलक निहारूंगा.

मैं भुला दूंगा कुछ देर के लिये

कुछ आदमखोर शब्द.

मैं भुला दूंगा कुछेक स्मृतिदंश

लम्बी छलांगो के.

और तुम्हें अपलक निहारूंगा......मैं चाँद!


राकेश चन्द्रा

610/60, केशव नगर कालोनी

सीतापुर रोड, लखनऊ

 उत्तर-प्रदेश-226020,              

दूरभाष नम्बर :9457353346

rakeshchandra.81@gmail.com

Popular posts
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
परिणय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं लखीमपुर से कवि गोविंद कुमार गुप्ता
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं गोविन्द कुमार गुप्ता जी लखीमपुर-खीरी उत्तर प्रदेश
Image