मुखौटा

 

नीलम राकेश 

गगन भेदी तालियों की गड़गड़ाहट के बीच समाज सेविका विद्यावती हाल से बाहर निकलीं । नारी के अस्तित्व एवं स्त्री भ्रूण की हत्या के विरूद्ध उनका जोरदार भाषण लोगों की अंतरआत्मा को हिला गया था । बाहर तक विदा करने आये आयोजकों को पूरी विनम्रता से अभिवादन कर वे अपने घर की ओर चल दीं ।

    कार से उतर कर उन्होंने घर के लान में खड़े अपने बेटे से कुछ बातें कीं और कार में जरूरी सामान रखवाने लगीं । कुछ ही पलों में उनका आज्ञाकारी बेटा अपनी सहमी हुई पत्नी और दो वर्षीया बेटी के साथ आकर कार में बैठ गया । विद्यावती के बैठते ही कार दूसरे शहर की ओर चल दी । अनचाही कन्या से मुक्ति पाने जो, भ्रूण रूप में उनकी इकलौती बहू की कोख में पल रही थी ।

कुलदीपक की चाह के आगे समाज सुधारक का मुखौटा उतर गया था शायद ।

नीलम राकेश 

610/60, केशव नगर कालोनी, 

सीतापुर रोड, लखनऊ

 उत्तर-प्रदेश-226020,              

दूरभाष नम्बर : 8400477299, neelamrakeshchandra@gmail.com

Popular posts
सफेद दूब-
Image
भोजपुरी भाषा अउर साहित्य के मनीषि बिमलेन्दु पाण्डेय जी के जन्मदिन के बहुते बधाई अउर शुभकामना
Image
जीवन के हर क्षेत्र में खेल महत्वपूर्णः संजय गुलाटी, भेल में अन्तर इकाई बास्केटबाल टूर्नामेंन्ट
Image
साहित्यिक परिचय : बिजेंद्र कुमार तिवारी
Image
मर्यादा पुरुषोत्तम राम  (दोहे)
Image