पत्रकारिता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
आशीष भारती
देश के चार स्तंभों में मजबूत है
पत्रकारिता करते अनेक पत्रकार
समाचार है आज देखों सुर्खियों में
नयी सुबह में नयी खबर के साथ
चाय की चुस्की से दिन की शुरुआत
खोज रहे खबरें अखबार पढ़ते हाथ
लूट चकारी छींटाकशी बलात्कार
इन्हीं खबरों से बनते प्रमुख समाचार
गाली गलौज अपशब्द अभद्रता
आखिर क्यों होती पत्रकारों के साथ
कुटील अमानवीय टीका-टिप्पणी से
भरा पड़ा है देश का सारा अखबार
संसद विधानसभा के चुनावों की बयार
नेताओं के गौरख धंधे होते गोलमाल
रंगीन काली स्याही ओर चित्रों के साथ
गंभीर मुद्दों पर कभी नहीं बनती बात
देश की रक्षा को सेना का जवान समर्पित
शहीद के सम्मान में सब सच होती बात
अखबार के पन्ने के कोने पर छप कर
इतिहास में अमर हो जाती लिखी बात
साहित्य का भी है यह अभिन्न अंग
रातों को जागकर छपते हैं समाचार
दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक
तिमाही, छमाही, वार्षिक होते अखबार
भूत, भविष्य, वर्तमान सब जगह
छाकर हमेशा अमर रहेगा अखबार।।
*आशीष भारती*
लेखक /कवि/ समीक्षक
(प्रशासनिक सहायक : फार्मेसी कॉलेज बडूली)
सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)