संर्घष

 

विमल सागर

संघर्ष तुम्हें करते रहना हैं

जीवन शैली संघर्ष बनीं

भले ही मन्द -मन्द गति चलो

मंजिल पा लोगे संघर्ष तुम्हीं


संघर्ष चींटियाँ करतीं रहतीं 

एक एक दाना लेकर के

अपनी अविरल प्रवाह पंक्ति में

कठिन परिश्रम करतीं सदा,


परिश्रम मिले जो उद्देश्य मिशन

धैर्य रख पा लोगे सब वो

जहाँ सोच नकारात्मक रही

असफलताएं ही रहतीं वहीं,


एकाग्र चित्त शांत उर होकर

कोरोना से भी जीत मिले,

वस जीत संघर्ष नाम रहा

चोरी को चोर बगुला तीरे हैं,


जहां सोच भाव मन सुकर्म हों

लक्ष्य भरोसा संघर्ष से मिला

कोरोना चुनौती पूर्ण रहा

धन मन जन सब ह्रास हुआ,


अब संघर्ष कोरोना समय रहा

संघर्ष काल महामारी है।।

विमल सागर

बुलन्दशहर

उत्तर प्रदेश

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