जब बुन जाते प्यार के धागों में
ये बन जाते गाने
ग़र ग़ुस्से से भर जाते तो चोट बहुत पहुँचाते
इन शब्दों के समुंदर से
हर शख़्स चुनता जो वो चाहे
कोशिश करना वो चुनो
कि फिर किसी को न चुभो🌵
शब्द -निशब्द के पुल से गुजरना
है इंसानी ज़रूरत
शब्दों के ही जोड़ तोड़ में
दिख जाती हर किसी की फ़ितरत
निवेदिता रॉय (बहरीन)