प्रभु सुमिरन से ही जीवन सफल बनेगा



डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव

दूसरों की ख़ुशी में ही ख़ुश रहना।

मैंने अपनी बना ली है अब आदत।


जिसमें लोगों को तसल्ली मिलती।

समझो हो गई है ख़ुदा की इबादत।


ना रब रूठे ना ही रूठें अपने प्यारे।

अपनी तो यहीहै बस एक हक़ीकत।


ये जान है अगर तो समझो ये जहां है।

जीवन में आये ना कोई अब मुसीबत।


बीत गई मेरी जो जैसे भी थी बीतनी।

अब नया पड़ाव की बनानी है आदत।


थोड़ी बहुत ही बची खुची जिंदगी है।

बहुत मौजें कर तो ली मैंने अब तक।


कोई आज तक न जाना ये दुनिया में।

कब आ जाये गा यह बुलावे का खत।

 

परम परमेश्वर का सुमिरन ही करना है।

जीवन का एक यही मक़सद रखें अब।


लख चौरासी के इस चक्कर में पड़ें ना।

स्वीकारें यही राम नाम है ये केवल सच।


तन मन धन सब जो दिया है अब तक।

शुक्रिया है शुक्रिया ईश्वर तेरा शुक्रिया।


डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव

वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.

इंटरनेशनल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर-नार्थ इंडिया

2020-21,एलायन्स क्लब्स इंटरनेशनल,प.बंगाल

संपर्क : 9415350596

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