गीता पांडे अपराजिता
गुरु चरणों का ध्यान करू नित!
गुरुवर का सम्मान करू नित!
जीवन राह दिखाने वाले,
गुरुवर पर अभिमान करू नित!
जीवन पथ के गीत गुरु है!
तार -तार मे प्रीत गुरु हैं!
उजड़ी जीवन बगिया मुंह की!
मन मंदिर के मीत गुरु है!
पल पल जीवन व्यर्थ नहीं है!
गुरु बिन कोई अर्थ नहीं है!
करूं वंदना गुरु की कैसे,
जिह्वा में मेरी समर्थ नही हैं!!
गीता पांडे अपराजिता
रायबरेली उत्तर प्रदेश