कवियत्री श्वेता अरोडा की रचनाएं

  


तेरी कमी कल भी थी,कल भी रहेगी 

आ जा मेरी जिंदगी में तू एक दुआ बन कर,

सच कहती हूँ जिंदगी में फिर मेरी जन्नत की कमी न रहेगी! 

तेरी यादों को यूँ ही समा रखा है दिल की कब्रगाह में 

तुझसे मिलने का ख्वाब सजाया है मेरी आँखों ने,

न आया तू तो इन आंखो मे वीरानी सदा रहेगी! 

तुझसे की है मोहब्बत इक दीवानगी की हद तक 

ना आया तू तो दुनिया वीरान मेरी सदा रहेगी! 

तेरी कमी कल भी थी कल भी थी कल भी रहेगी! 

 मां का आंचल 

ऑंखो मे तो हरदम है मेरी तू , पर मुझे दिखाई क्यू नहीं देती!

सुनता है मेरा दिल हर पल तुझे, पर मुझे तू सुनाई क्यू नहीं देती! 

रो रही हूँ मैं मेरी माँ, फिर क्यू चीख मेरी तुझे सुनाई नहीं देती! 

हर बार देखती हूँ इक हसीन सपना, कि तू वापस आएगी, पर जब खोलती हूँ ऑंख अपनी, तो तू दिखाई क्यू नहीं देती !

मन करता है कि समा जाऊं तेरे आंचल में, पर तू बांहे अपनी फैलाए दिखाई क्यू नहीं देती!

                            श्वेता अरोडा

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