बाल गीत
गीता पांडेय अपराजिता
मेरे प्यारे बच्चों तुम सुंदर शरीके।
कुछ कहती हूं सुन लो नीके नीके।।
प्रयत्न करने से कभी नही न चुके।
अड़िग रहै आप सब कभी न झुके।।
हिम्मत नहीं तो उन्नति नहीं तुम्हारी।
स्पर्धा नहीं तो प्रगति नहीं तुम्हारी।।
जो कठिनाइयों को हंसकर सहेगा।
उन्नति के पथ पर वही आगे बढ़ेगा।।
लक्ष्य को मानकर आगे बढ़ते रहो।
मेहनत और लगन से तुम पढ़ते रहो।।
अच्छे इंसान बच्चों वही कहलाते हैं।
जो पर्वतों को काटकर राह बनाते हैं।।
मेहनत ही सफलता की होती कुंजी है
और लगन ही तुम्हारी सारी वो पूंजी है।।
तुम बच्चे ही हम सब के अरमान हो।
तुम्हें भारत माता की आन बान शान हो।।
इसके स्वाभिमान की रक्षा करना है।
जीवन में सदा तुम्हें आगे बढ़ना है।
गीता पांडेय अपराजिता
रायबरेली उत्तर प्रदेश