बहारें फिर से आयेंगी
अगर अँधेरा आया है तो,
फिर तो,उजाला आयेगा ।
मन मधुबन फिर महकेगा,
फिर से जीवन चहकेगा ।
आज घरों में बंद हुए हैं ,
कल तो बाहर निकलेंगें ।
जीवन जीने की आशा है,
तो आशा में नहींनिराशा है।
जीवन में उत्साह भरो,
कुछ दिन घर में ही रहो।
दो गज की दूरी रखो ।
मुँह पर मास्क जरूरीरखो।
@ डॉ मीरा त्रिपाठी पांडेय
मुम्बई ।