विनोद कुमार पांडेय
दूर सही मजबूर सही
समय है प्रतिकूल,
सब कहते हैं,
एक दूजे के संपर्क में आने की
कभी न करें भूल।
दूर रहने से दिल की
बढ़ती नहीं दूरी।
चलो दिल की बातें करें।
जब तन -मन है निर्विकार,
स्वच्छ परिवेश, स्वस्थ विचार,
हमारी कभी न होगी हार।
चलो दिल की बातें करें।
हंसने और हंसाने का
ढूंढे हर दम बहाना,
मुस्कुरायें और गाते रहें
मनपसंद गाना।
कुछ कहने सुनने से
बुरा समय भी जाता है बीत।
कम न होने दें अपनों से प्रीत
चलो दिल से दिल की बातें करें।
विनोद कुमार पांडेय
शिक्षक (रा० हाई स्कूल, लिब्बरहेड़ी, हरिद्वार)