पिंकी सिंघल
मेरे शब्द भी तुम
शब्दों के अर्थ भी तुम
मेरा मौन भी तुम
मौन के भाव भी तुम
मैं तुम में गुम
मेरे सब कुछ तुम
मेरी हर आस में तुम
मेरी हर सांस में तुम
मैं तुम में तुम मुझ में
मैं तुम से तुम मुझ से
मैं तुम बिन व्यर्थ
मैं तुम्हारा हर अर्थ
मैं शांत नदी की धारा
तुम मेरा एक किनारा
तुम बादल मैं वर्षा
मनमोहक तुम मैं नशा
मैं बरखा अंबर तुम
मैं रश्मि दिनकर तुम
मैं जीवन हूं तेरा
तुम धड़कन श्वास मेरा
मैं मैं नहीं तुम तुम नहीं
तुम हो जहां हूं मैं वहीं
पिंकी सिंघल
अध्यापिका
शालीमार बाग दिल्ली