चतुष्पदी यादें



रोशनी किरण 

      ( १ ) _कहां ढूंढू तुम्हें मनमीत ।

            तुम्हीं अधरों के मेरे गीत ।।

             कहो , कैसे बताएं हम , 

          रही जो इन दिनों है बीत ।।। 


     ( २ ) _कहूं मैं किससे मन की बात ।

                 मिली जो तुम से है सौगात ।।

           मिला जो स्नेह , है तुम से , 

      उसे ही पूजूं , मैं दिन _ रात ।।।


                   

                          

Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
पीहू को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं
Image
ठाकुर  की रखैल
Image
कोरोना की जंग में वास्तव हीरो  हैं लैब टेक्नीशियन
Image