जहाँ यादें वसी हों
वहीँ दिल नाज़ करता है
वहीं अपनों के दिन भी दिल
सदा रह स्मृतियों बनतीं हैं
तकदीर का बनता
खिलोना खुद हमीं होते
जहाँ परिजन सभी जन हों
वहीं सब यादें बन आतीं हैं,
फ़साना लेकर अपनों का
दिल बैचेन होता है
दिलों में बसतें हैं रिश्ते
वो स्मृतियाँ बनतीं हैं।।
विमल सागर
बुलन्दशहर
उत्तर प्रदेश