याद उनकी आई है

 


डा.मलय तिवारी

आज तनहाई में फिर, याद उनकी आई है। 

सेज पलकों की मैनें, चाह से सजाई है। 

गूजता है मधुर स्वर, वीणा के तार में, 

घोलता है नवल रस, कोई मेरे प्यार में,

मीठे मधुमास की फिर, बज उठी शहनाई है। 

आज तनहाई में फिर, याद उनकी आई है।। 

मोतियों का हार बनीं, तुहिन कनिकायें, 

झूमती हैं भोर की, नवेली लतिकायें, 

कुम कुम सी लाज भरी, कली मुसकाई है। 

आज तनहाई में फिर, याद उनकी आई है।। 

तरुवर के पोर पोर "मलय "पवन हास है, 

मधु के कछारों में ,किसका निवास है, 

चितवन से नींद मेरी, किसने चुराई है। 

आज तनहाई में फिर, याद उनकी आई है।। 

      पोर्टल के लिए चन्द लमहे यादों के।। 

        डाःमलय तिवारी

 बदलापुर जौनपुर

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