शिवानी टेलर , आर्या
फरियाद है उसकी ए खुदा पूरी कर दो ना
अंधेरा ही कर दिया जीवन में
थोड़ी रोशनी भी कर दो ना,,,
समझते है जो खुद को खुदा
दूसरो के जज्बात भी समझा दो ना
खुद का दर्द सब कुछ समझा दुनिया ने
दूसरों के मायने भी समझा दो ना,,,
रिश्तों में आ गई अब खुद्दारी
थोड़ा मुझे ही बड़ा कर दो ना
सबका कहना नासमझ हु
थोड़ा समझदार कर दो ना,,,
दोस्ती बचपन की ही होती है
थोड़ा बडो को भी समझा दो ना
एकांतप्रिय हो गई हु
उसे भी थोड़ा मुझमें शामिल कर दो ना,,,
आसानी से कुछ नहीं मिला
थोड़ा मुझे ही कठिन कर दो ना
फरियाद है उसकी
तुम भी पूरी कर दो ना,,,
शिवानी टेलर , आर्या कोटा (राजस्थान)