स्वपना सलोनी
काली अंधेरी रात में ,
रोशनी का एक एहसास हो,
अंधकार के मध्य से उभरी ,
हम सब की एकमात्र आस हो ,
चांद तुम बहुत खास हो|
एक प्रेमी की कल्पनाओं में ,
सौंदर्य का अनंत भंडार हो ,
कवियों की असंख्य रचनाओं की, प्रेरणा एवं अनुपम आधार हो ,
चांद तुम बहुत खास हो|
ईद या करवा चौथ की रात में ,
सबके लिए पूज्य और आस्था का आधार हो ,
हर रात अपनी अलग निरुपम छवि दिखाते हो ,
चांद तुम बहुत खास हो|