माँ मेरी जन्नत

सुषमा दीक्षित शुक्ला

 माँ मेरी छाया माँ मेरी ज्योति

ओ हो ओ,,,

माँ मेरी छाया माँ मेरी जन्नत

माँ मेरी आराधना ,,,,,।

तूने जग संसार दिखाया,

माँ तू ही है साधना,,,।

माँ मेरी छाया०००

ऐ!माँ तेरी दुआओं से तो,

मौत भी राह बदलती है 

माँ के आँचल की छाया ,

तो खुशनसीब को मिलती है ,,,।

दर दर तुझको ढूँढ रहा माँ

कहाँ छुपी मेरी आत्मा,,,,।

माँ मेरी छाया००००

मैं कपूत था समझ न पाया ,

कुछ न तुझको मैं दे पाया ।

तू ही थी परमात्मा ,,।

माँ मेरी छाया०००००2

Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
सफेद दूब-
Image
प्रेरक प्रसंग : मानवता का गुण
Image
भोजपुरी भाषा अउर साहित्य के मनीषि बिमलेन्दु पाण्डेय जी के जन्मदिन के बहुते बधाई अउर शुभकामना
Image