गोविन्द कुमार गुप्ता
खुशियां जिस घर मे लेती है जब देखोआकार,
आज वही कहलाता देखो एक सुंदर परिवार,,।।2
गूंजे जिस घर मे है देखो
बच्चों की किलकारी,
बच्चे बूढ़े सभी रहे जहाँ,
बनकर एक फुलवारी,
और जहाँ लेते है सपने ,
अपना पूर्ण आकार,,
वही आज कहलाता देखो एक सुंदर परिवार।।
खुशियां जिस घर मे लेती है जब देखो आकार,।।
शहनाई की गूंज है देखो ,
जिस घर से आती,
कन्या जिस घर मे है देखो लक्ष्मी रूप में आती,
जिस घर वह लक्ष्मी देखो आज है पूजी जाती,
और होते है उसके देखो सब सपने साकार,
वही आज कहलाता देखो,
एक सुंदर परिवार,
खुशियां जिस घर मे लेती हैं जब देखो आकार,।।
सच्ची सबकी रहे भावना,
सब मिलकर जब करे प्रार्थना,
ईश्वर भी उनकी सुनता है,
सच्चे मन से करे अर्चना,
सच मे वह आदर पाता है,
जो समझे यह सार,,
वही आज कहलाता देखो,
एक सुंदर परिवार,
खुशियां जिस घर मे लेती है जब देखो आकार,।।।
गोविन्द कुमार गुप्ता,
लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश