टूटती उम्मीदों की उम्मीद

 

 मधु अरोड़ा

 डूबते को तिनके का सहारा ही बहुत

  उम्मीद पर दुनिया है कायम 

  क्यों उम्मीद छोड़ते हो ।

  कल कुछ होगा बेहतर 

  आज क्यों कर्म से मुंह मोड़ते हो ।

  डूबते को तिनके का सहारा ही बहुत ।

  उम्मीद की किरण है जरूरी

   जिंदगी में कुछ कर पाने को ।

   आसरखो विश्वास रखो

    सब कुछ सही हो जाने को।

     उम्मीदों का हौसला कोई दे जाता है 

     आगे बढ़कर हाथ कोई थाम जाता है ।

     हौले से सिर पर हाथ कोई रख जाता है 

     टूटी उम्मीदों की डोर कोई थाम जाता है ।

     उम्मीदों की डोर को यूं हीथामते रहिए 

     जीवन जीने की कला को जानते रहिए ।

     सुख दुख तो जीवन के साथी है

     यह मानते रहिए 

     टूटती उम्मीदों की 

     उम्मीद की डोर थामते रहिए।।

                          दिल की कलम से

                          

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