नाम--नीलू सक्सेना कस्तूरी
पति का नाम -- गिरजा शंकर सक्सेना
विश्व हिंदी लेखिका मंच की सदस्य
पता --234 LIG जवाहर नगर देवास मप्र
फोन नं -- 9770051527
जन्मतिथि--27 मार्च 1961
शिक्षा--,MA समाज शास्त्र
व्यवसाय -- गृहणी ,
लेखक , समाजसेविका
कला(लेखन) समाजसेवी
समाजसेवी --मध्यप्रदेश राज्य आनन्द संस्थान में ,आंनदक सहयोगी ।
श्री जी बेटी बचाओ
बेटी पढ़ाओ।
राहे कलाम रोटी बैंक,
पुलिस की पाठशाला, इनरव्हील क्लब में एडवाजर
लेखन के क्षेत्र में
ब) साहित्य गुंजन में ,काव्य सिद्धि ,E Book में
स ) राष्ट्रीय नवाचार ,दैनिक संध्या में।
लेखन के क्षेत्र में सम्मान समारोह में ---22
E सर्टिफिकेट 55
कल्पना चावला स्मृति सम्मान से सम्मानित
इनरव्हील क्लब द्वारा एक्टिव महिला सम्मान से सम्मानित
सिसकी
1)कोरोना ने इस वक़्त किया जीना दुश्वार,
निगल रहा है करके राक्षसी व्यवहार।
कर दो प्रभु अब तो तुम बेड़ा सबका पार,
असहायों की सुनो ईश्वर करुण पुकार।
2)वायरस अदृश्य है,बच कर भी कैसे रहे,
कोरोना सोचने का समय भी नही दे रहे।
अस्पतालों में चीख पुकार रोना सिसकी दे रही सुनाई,
और परिजन कर रहे हाहाकार।
3) चंहु और मातम छाया सिसकी है घर द्वार,
हे ईश्वर तेरी दुनिया बन गई,लाशों के अम्बार।
हे ईश्वर एक बार सिर्फ एक बार दया कर,
मानव भी बदल रहा है अब अपना व्यवहार।
4)हे प्रभु अब तो अपनी फैलाई माया को,
समेट लो एहसास हो रहा गलती का इंसान को ।
तुम्हारे सहारे है जीवन की नैया दरिया में,
अब आपकी ही पार लगाना हे बन खिवैया।
5) हे मेरे मालिक जब मुझे कोइ कष्ट परेशानी आती है,
में आपसे ही विनती प्रार्थना करती हूँ।
कमरा बन्द कर खूब सिसकियां भर कर रोती हूँ,
सारी शिकायतें उसी दि,न करती हूँ।
*नीलू सक्सेना कस्तूरी*