विद्या शंकर विद्यार्थी
बनल के संघतिया मिल जालन,
बिगड़ल के इयार ना मिलस
भरोसा तऽ बहुत लोग देलन इहाँ
समय पर केहू तइयार ना मिलस
घर गिरावे के होखे त मिल जालन
पलानी उठावे के लोग तइयार ना मिलस
आग धरावे के होखे त मिल जालन
डाढ़ा बुतावे के होशियार ना मिलस
इहे सोचे समझे के बा दरकार के दुनिया में
मिलेलन संघतिया एगो कहीं
गाँव टोला जवार ना मिलस
ना गिरल होखीं त देख लिहीं गिर के दुनिया में
हबकुरल के हाथ लगावे के कबो तइयार ना मिलस।