कितना प्यारा होता है

 

गोविन्द गुप्ता

कितना प्यारा होता है,

बचपन न्यारा होता है,

मन कितना निर्मल होता,

दुःख में ही वो रोता है,


चिड़ियों सा गुनगुन करता,

दिन भर मन चंचल रहता,

पल पल मुस्कान दिखाकर,

सबको है प्रफुल्लित करता,

सबका दुलारा होता है,


कितना प्यारा होता है,

बचपन बड़ा न्यारा होता है,।।


कागज की नाव बहाना,

फिरकी को खूब नचाना,

वारिश में छाता लेकर,

चिड़ियों को आज बचाना,

सबको बड़ा प्यारा होता है,


बचपन बड़ा न्यारा होता है,

कितना प्यारा होता है,।।


वह नटखट खूब अदाएं,

गुड्डे गुड़ियों को खिलाएं,

जब चोट लगे तो देखो,

सबसे है खूब बचाये,

करतब बचपन बाला वो

सबको प्यारा होता है,


बचपन बड़ा न्यारा होता है,

कितना प्यारा होता है,।।।


गोविन्द गुप्ता,

लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश

Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
सफेद दूब-
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
भोजपुरी भाषा अउर साहित्य के मनीषि बिमलेन्दु पाण्डेय जी के जन्मदिन के बहुते बधाई अउर शुभकामना
Image
ठाकुर  की रखैल
Image