आलिया परवीन
शादी हुई और बच्चे हुए,
पर वो हमारे होकर भी हमारे ना हुए
जैसे तैसे दिन बिताया, पर टूटा दिल,
जब पता चला पति को कोई और भाया
समझ ना सकी करूं क्या,
सोच सोच कर मेरा मन मुरझाया
समाज को ध्यान में रखकर सोचा चलो आगे बढ़ते हैं कुछ भी करके यह रिश्ता नहीं तोड़ते हैं
पर वक्त ने मेरी अक्ल ठिकाने लगाया
पता चला पति ने दूसरा घर बसाया
अब हिम्मत मेरी टूट चुकी थी
मैं जिंदगी से रूठ चुकी थी
बच्चे को देखा तो संसार पाया
उसे ही जीने का आधार बनाया
रो-रोकर हुआ बुरा हाल
पर छोड़ दिया पति को उनके हाल
वह देने लगे सफाई
माफी की काफी करी दुहाई
पर दिल मेरा ऐसा टूटा
माफ करने से अकेले रहना सही छांटा
25 बरस हो गए
बच्चे अब बड़े हो गए
जिंदगी की रफ्तार ऐसी भागी
पता ही ना चला मैंने यह जिंदगी कैसे कैसे काटी
बच्चों की जिम्मेदारी हुई पूरी
उनकी जायज मांगे कभी ना रही अधूरी
आज जब बच्चे अपने अपनेघरों को चले गए महसूस हुआ
हम फिर अकेले रह गए, हम फिर अकेले रह गए
आलिया परवीन
हैदराबाद