पूज्य पिता जी श्रद्धेय स्वर्गीय बाबू राजकुमार सिंह जी की द्वितीय पुण्य तिथि पर अश्रुपूरित नयनो से हार्दिक नमन करते हुए मन के उद्गार काव्य पुष्प के रूप में सादर समर्पित * (7 मई 2021)
महेन्द्र सिंह 'राज'
पूज्य पिता की पुण्य स्मृति में,हम श्रद्धा सुमन चढ़ाते हैं।
उनकी यादों में हम परिजन ,अविरल अश्रु बहाते हैं ।।
हे पुण्यात्मा तेजपुंज तुम, समरसता के थे अवतार
कितनीभी विपदा सर पेआई, सहनशील करगये पार
तेरी यादों की गंगा में हम, डुबकी आज लगाते हैं।
पूज्य पिता की पुण्य स्मृति में,हम श्रद्धा सुमन चढ़ाते हैं।।
सादा जीवन उच्च विचार आजीवन तव हथियार रहे ,
परिजन की जिविका के लिए वर्षा सर्दी गर्मी भी सहे
हे कुशल कृषक हे कर्मशील तेरे पुण्यों को हम गाते हैं
पूज्य पिता की पुण्य स्मृति में,हम श्रद्धा सुमन चढ़ाते हैं।।
घुटने तक धोती फटी लंगोटी कभी न इसका भान रहा
परिजन परजन की इच्छा का ही तुम्हें हमेशा ध्यान रहा
ऐसे योगी की यादों में हम परिजन सब खो जाते हैं।
पूज्य पिताकी पुण्य स्मृति में हम श्रद्धा सुमन चढ़ाते हैं।।
सात मई उन्निस सौ उन्नीस देकर परिजन को आशीष
संध्या की पावन बेला में कर दिए समर्पित प्रभु को शीष
यह मर्त्य लोक सबको जाना योगेश्वर यही बताते हैं
पूज्य पिता की पुण्य स्मृति में हम श्रद्धा सुमन चढ़ाते हैं।।
पूज्य पिता की पुण्य स्मृति में,हम श्रद्धा सुमन चढ़ाते हैं।
उनकी यादों में हम परिजन ,अविरल अश्रु बहाते हैं।।
महेन्द्र सिंह 'राज'
मैढी़ चन्दौली उ. प्र.