रिश्ते

 


   श्वेता अरोड़ा

रिश्तो की इस जंजीर मे हर एक कड़ी का होना जरूरी है, 

दिखावे से निभाये नहीं जाते रिश्ते, दिल की गहराई जरूरी है! 

वैसे तो घूम आओ जग भर मे, पर पीहर से बुलावा माई का आना जरूरी है! 

राखी पर सूत के कच्चे धागों के लिए भाई की कलाई जरूरी है! 

नाम के रह गए सब रिश्ते, पैसो से रिश्तो को बनते देखा है, 

नाव रिश्तो की चलती रहे, उसके लिए किश्ती सोने की जरूरी है! 

सच ही है एक परिपूर्ण जीवन के लिए एक माँ का आँचल, पिता का साया और भाई की लड़ाई जरूरी है!          


                                

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