सुशील कुमार भोला
तुम देखे हुए लगते हो
कभी मिला करते थे हम ।।
धुआँ धुआँ सा अहसास हो
हमारे हो कहा करते थे तुम ।।
किस लिए नज़र चुराते हो
तुम्हारी आँखों में बसते थे हम ।।
सपनों से भी रुख़सत हो गए
कयामत तक रहेगा साथ कहते थे तुम ।।।
🌹 सुशील कुमार भोला
जम्मू