कुंडलिया


महातम मिश्र 'गौतम' गोरखपुरी

आफत के तूफान ने, बहुत लगाया जोर।

हिला न पाया ध्वज धवल, सोमनाथ में शोर।

सोमनाथ में शोर, द्वारिका हरि की नगरी।

चले सुदामा दौड़, नहीं निष्कंटक डगरी।

कह गौतम कविराज, समंदर निशदिन डाफत।

होत न बाँका बाल, विष्णु शिव घर कस आफत।।

Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं लखीमपुर से कवि गोविंद कुमार गुप्ता
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं बरेली उत्तर प्रदेश से राजेश प्रजापति
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं रुड़की उत्तराखंड से एकता शर्मा
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं अनिल कुमार दुबे "अंशु"
Image