ये लफ्ज आईने है



 श्वेता अरोड़ा

लफ्ज कहने को तो शब्द है पर हकीकत मे ये आईना है हमारे व्यक्तित्व का,

लफ्ज आईना है हमारे संस्कार का,

लफ्ज ही है जो रूबरू कराते है हमारे विचारो से,

लफ्ज आईना है हमारे विचारो का!

हमारे लफ्जो की प्रकृति को देखकर ही पता चलता है हमारे स्वभाव का,

हमारे लफ्ज ही जरिया है हमारी कटुता, मधुरता,सौम्यता, करूणा और दयावान प्रवृति से परिचय कराने का!

इसलिए कहते है कि लफ्ज कम बोलो पर तोल के बोलो!


                                                   

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