मातृ दिवस

 


ग्यारह साल बीत गए माँ, बिन तेरे.....पर एक दिन भी ऐसा नहीं बीता जिसमें तेरी यादों का गुलदस्ता न मुस्कुराया हो.....सादर प्रणाम माँ, नमन नमन नमन!


"कुंडलिया"


सूरत माँ की देखकर, दिन जाता था बीत

रात लोरियाँ श्रवण कर, मन गाता था गीत

मन गाता था गीत, प्रीति माँ के मुख आँचल

थी जो उसकी राह, उसी पर चलता हूँ चल

कह 'गौतम' कविराज, जिगर में ढेरों मूरत

भर पाती क्या प्यार, भरा जस माँ की सूरत।।


महातम मिश्र 'गौतम' गोरखपुरी

Popular posts
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
परिणय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Image
सफेद दूब-
Image
ठाकुर  की रखैल
Image