सांँसो पर भी कालाबाजारी का पहरा

 

पूनम शर्मा स्नेहिल

जहांँ सभी ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था में जुटे हुए हैं । वहांँ टाटा ग्रुप कंपनी भी इसमें बढ़-चढ़कर अपना योगदान कर रही है । इनको नाम को किसी के द्वारा दिए पहचान की आवश्यकता नहीं है । यह अपने कर्मों से ही दुनियाँ के हर स्थान पर अपना नाम बना चुकी हैं । देश पर कोई भी विपत्ति आए ,इन्होंने कभी हाथ पीछे नहीं किए । जबकि अच्छे-अच्छे नेता इस समय दिखाई तक नहीं देते वहीं इन्हों ने हर समस्या में बढ़-चढ़कर सहयोग प्रदान किया है।हर दिन भारी संख्या में टाटा कंपनी ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम कर रही है। देशवासियों को सुविधाएं प्राप्त हो सके। इस विकट परिस्थिति में अपना बेहतर से बेहतर देने की कोशिश हर किसी की बनी हुई है।

पर चंद लालची भेड़ियों की वजह से ना जाने कितने ही घरों के चिराग बुझते चले जा रहे हैं।

बहुत ही अफसोस के साथ यह कहना पड़ रहा है । इतने बुरे दौर में भी कुछ लोग पैसे की लालच में यह तक भूल जा रहे हैं कि किसी की सांँसे जाना सिर्फ उसकी सांसे खत्म होने तक नहीं है । एक घर, क‌ई रिश्ता, एक परिवार सभी की मौत हो जाती है । चंद पैसों के लालच में यह ना जाने कितने घरों के चिरागों को बुझा रहे हैं । उनकी खुशियों का खात्मा कर रहे हैं ।पता नहीं इन्हें चैन की नींद आती भी कैसे हैं।

आज शायद इंसान किसी अभाव की वजह से नहीं बल्कि इन दलालों और कालाबाजारीओं की वजह से इन समस्याओं का सामना कर रहा है । और उससे बाहर नहीं निकल पा रहा है। जहांँ लोग बढ़-चढ़कर मदद करने को आगे आ रहे हैं । वहीं ये चंँद लोग समाज में जहर की तरह हर दिन फैलते ही जा रहे हैं।

 इनका अंत तभी संभव है जब इनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए। इनकी लालच की भूख की वजह से ना जाने कितने ही घर बर्बाद हो जाते हैं। यह सिर्फ ऑक्सीजन सिलेंडर को जप्त करके कालाबाजारी करने तक का मामला नहीं है , बल्कि अभी दवाइयांँ और वैक्सीन तक भी इसी तरीके से कालाबाजारी का हिस्सा बन चुके हैं। जो जिस स्तर पर है वह उस स्तर पर घोटाला करने में लगा हुआ है । राशन वाले राशन जप्त कर के बैठे हैं । आम जनता तक हर चीज दुगनी चौगुनी दामों में पहुंच रही है। इस समय सभी की मदद करने की जगह ये सभी मौके का फायदा उठाने में जुटे हुए हैं। शर्म आती है ऐसे घर और परिवारों के बारे में सोच कर । ये नाम ये पैसा किस काम का जब आपके कारनामों से किसी के घर का मातम छाया।

पैसो का घमंड इनके सर पर कुछ इस कदर सवार रहता है कि यह इंसान और इंसानियत दोनों को भुला बैठे हैं , पर शायद इन्हें भी इस बात की खबर नहीं कि ऊपर वाला पैसे से नहीं बिकता । जिस दिन वह कर्मों का लेखा जोखा करने बैठेगा । उस दिन यह विपत्ति इनके भी परिवार पर आ सकती है ।जब सांसे कम पड़ती हैं तो पैसे उन्हें कभी पूरा नहीं कर पाते।

अगर पैसों से सांसे खरीदी जा सकती होती और पैसों के बल पर भगवान बिकते तो शायद किसी रईस के घर में कभी मत नहीं होता ।इतनी सी बात शायद पैसे के गुरुर में इन रईस जादों को समझ में नहीं आती है ।

चर्चित चेहरे सांँसों की भीख मांँग कर मौत के मुंँह में समा जाते हैं ।तो आम इंसान के बारे में तो सोच कर भी रूह कांँप जाती है इन कालाबाजारीओं की वजह से ना जाने अभी कितने और घरों में मातम छाने वाला है। कितने और चिराग बुझने वाले हैं । कितनी मांँ की गोद सूनी होने वाली है कितनी बहनों की मांँग सुनी होने वाली है । कितने बच्चे अनाथ होने वाले हैं। ना जाने इनकी रूह क्यों नहीं काँपती ।

शब्दों को सुनने और बोलने में ही आम इंसान भावुक हो जाता है ,पर यह रहीस जादें हैं कि इन्हें यह सब समझने की आवश्यकता ही नहीं रखते ना जाने कब देश से यह भ्रष्टाचार और कालाबाजारी जैसी चीजें खत्म होंगी ऐसा जान पड़ता है कि इन के दबाव में इंसान दिन पर दिन खत्म होते चले जा रहे हैं।

 कोरोनावायरस तो एक बहाना हो गया इसमें हर वह लालची शख्स अपने लालच में और ज्यादा डूबता चला जा रहा है ।उसे यह मदद करने का नहीं बल्कि फायदा उठाने का मौका दिखाई दे रहा है।

अगर कोई भी मेरे इस आर्टिकल को पढ़ रहे हैं। जो इस प्रकार का काम करते हैं तो उनसे हाथ जोड़कर निवेदन है कि थोड़े समय के लिए अपने पैसों के लालच को भूलकर उन घरों के बारे में सोच लें । जिनके घर वीरान हो रहे हैं। उनके घर की खुशियांँ खत्म हो रही है। एक बार इंसान बनकर इंसानियत के बारे में सोचें ।पैसे का क्या है यह फिर आ जाएंगे। इसके बहुत से माध्य में पैसा सिर्फ गलत कामों से ही नहीं कमाया जाता । कभी-कभी सही काम कर के भी पैसे कमाने का रास्ता बन जाते हैं। साथ ही साथ हम कुछ और लोगों को भी व्यवसाय दे पाते हैं अपनी जेब भर कर आज तक कौन सुखी रहा है छोड़कर तो सब कुछ यहीं जाना है। यह घर यह बंगला यह गाड़ी सब यहीं रह जाना है। अंतिम समय पर 1 गज कपड़ा और चंद लकड़ियों के साथ खाक हो जाना है ।

आपके कर्म हीआपको समाज में जिंदा रख पाएंगे , वरना आपके सामने भले ही आपका पैसा इज्जत दिलवादे पर पीठ पीछे लोग बद्दुआ और गालियां ही देते हैं। दुआ भले ही एक बार को असर न करें लेकिन बद्दुआ कभी इंसान का पीछा नहीं छोड़ती। बंद करें यह कालाबाजारी का धंधा आपके इन ऐशो आराम की कीमत किसी को अपनी जान गवा कर चुकानी पड़ रही है किसी का परिवार सड़क पर आ रहा है किसी के घर जीने का सहारा छिन रहा है।।


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