ज़िंदगी


सुबह मार्निंग वाॅक में 


 


टहलती ज़िंदगी 


 


एक -दूसरे से रूबरू 


 


कराती ज़िंदगी 


 


बच्चों की परवरिश के लिए 


 


हर जतन करती ज़िंदगी 


 


अपनत्व की हर रोज 


 


खबर लेती ज़िंदगी 


 


जीने का जीवंत अहसास 


 


बनती ज़िंदगी 


 


अपने और पराये में 


 


भेद करती ज़िंदगी 


 


हर दिल में दोस्ती की दस्तक 


 


देती ज़िंदगी 


 


परिवार की खुशी के लिए 


 


खून पसीना एक करती ज़िंदगी 


 


यह तेरा है यह मेरा है


 


इसी विरोधाभास में उलझी ज़िंदगी 


 


किसी बाग में बेंच पर मिलती ज़िंदगी 


 


बच्चों से यह यह आशा करती ज़िंदगी 


 


कि बुढ़ापे में सहारा की आश लगाती ज़िंदगी 


 


बच्चे जब बड़े हो गये 


 


तो माँ-बाप से दूर 


 


रोजी-रोटी की तलाश में 


 


शहर जाते ज़िंदगी 


 


बुढ़ापे में जर जर आँखे 


 


अपने बच्चों से प्यार पाने के लिए 


 


तरसती ज़िंदगी 


 


कभी-कभी तो बुजुर्ग माँ-बाप 


 


वृद्धाश्रम जाने को मजबूर दिखती ज़िंदगी 


 


अब..... सिर्फ़..... संपर्क.... नंबर


 


तक सीमित हो गई जिंदगी 


 


एक मशीन दूसरी मशीन से जुड़ गई है 


 


निजी स्वार्थ से........ Timepass हो रहा है 


 


इन्टरनेट........ Online है 


 


पर अंतरनेट .....offline हो गया है...।। 


 


डाॅ० अनीता शाही सिंह 


 


प्रयागराज


Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
पितृपक्ष के पावन अवसर पर पौधारोपण करें- अध्यक्ष डाँ रश्मि शुकला
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं लखीमपुर से कवि गोविंद कुमार गुप्ता
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं रुड़की उत्तराखंड से एकता शर्मा
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं अनिल कुमार दुबे "अंशु"
Image