स्वच्छता का पोल खोलता नगर पालिका का हाल
कुशीनगर । ज़िले के कसया नगर पालिका के लगभग 3 वर्ष बीत चुके हैं। पूरी दुनिया स्वच्छता पर ज्यादा ध्यान दे रहा है ताकि इस कोरोना काल में कोई अन्य बीमारियों का शिकार ना हो क्यूंकि इस महामारी के दौर में डाक्टरों की भारी कमी है। वहीं कसया नगर पालिका के वार्डों की हाल तो दूर की बात है कस्बे में ही हर दो सौ मीटर पर गंदगी का अंबार देखने को मिल रहा है चिकित्सकों का कहना है कि इस महीने में ज्यादातर संक्रमण फैलता है जैसे काला ज्वर, मलेरिया, टाईफाईड (मियादी बुखार), जापानी बुखार इत्यादी। देखा जाए तो इस संक्रमण के महीने में कसया नगर पालिका स्वच्छता में सबसे निचले स्तर पर है क्यूंकि कस्बे या अधिकतर वार्डों में नालियों का निर्माण ही नहीं हुआ है और जहां हुआ है वहाँ खुली नालियां है जो कि किसी बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित करती नजर आ रही हैं उदाहरण के तौर पर कसया से मुख्यालय जाने वाले मुख्य मार्ग पर ही नालियों का निर्माण तो हुआ है लेकिन वर्षों से खुली की खुली रह गई जबकि इसी मार्ग से होकर आला अधिकारियों की गाड़ियां दिन प्रति दिन गुज़रती हैं ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर वर्षों से खुली नालियों पर क्या किसी भी आला अधिकारी की नजर नहीं पडी।
"नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि के कारनामे से नहीं शानो-शौकत से ही जनता पहचान जाती है साहब के पैर कभी जमीन पर पड़ते ही नहीं अधिकतर अपनी लग्ज़री गाड़ी में ही दिखाई देते हैं चाहे चौराहे पर साहब किसी किसी काम से निकले या कस्बे का दौरा करने पांव जमीन पर ही नहीं पड़ते हैं ख़बरें यहां तक सुनी जाती है कि साहब के नए बंगले में हर एक कमरा एयर कंडीशनर है शायद यही कारण है कि अब तक नगर पालिका में आधे अधूरे काम हुए।
चुनाव के समय से ही जनता में अभी तक चर्चायें है कि चुनाव जीतने का श्रेय साहब अपने एक सहयोगी को मानते हैं। बता दें कि कुछ वर्षों पहले एक फिल्म आई थी जिसमें मुख्य किरदार अभिषेक बच्चन और रानी मुखर्जी का है जिसका नाम है बंटी बबली जनता में चर्चायें है कि नगर पालिका के रुपयों का भी बंदर बांट बंटी और बबली की याद दिलाती है। अब तो जब नगर पालिका की जांच होगी तभी सब खुलासा होगा कि हकीकत क्या है।
परन्तु सवाल ये है कि इस खेल में जनता क्यूँ बदहाल हो रही है अधिकतर जगहों पर बारिश के मौसम में पिछ्ले डेढ़ माह से लोगों को पैदल चलना मुस्किल हो गया है और ये हालात नगर पालिका के पूरे 27 वार्डों में देखी जा सकती है। कास डी. एम. साहब की एक नजर इस पर भी पड़ जाती तो शायद हालात में बदलाव आ जाता।