पत्रकार ने पेश किया ईमानदारी की मिसाल, नवीन झा को मिला उसका खोया हुआ पर्स


▪साबित कर दिया कि आज भी दुनिया मे ईमानदारी जिंदा है


मीर शहनवाज


दरभंगा। हम आज उस दौर में जी रहे हैं जहां अक्सर ऐसी खबरें बार बार सामने आती रहती है कि चोर उचक्के और बदमाश किस्म के लोग दिन दहाड़े लोगों की तिजोरियां तोड़ डालते हैं, डाका दे देते हैं, बैंक अकॉउंट से पैसे गायब कर देते हैं, यहां तक की एटीएम में खड़े होकर नज़र के सामने कार्ड बदल कर बैंक अकॉउंट साफ़ कर डालते हैं। कुछ वहशी किस्म के लोग तो चन्द रुपयों के लिए लोगों की जान तक ले लेते हैं। शायद यही कारण है कि अब लोग किसी पर विश्वास करना नहीं चाहते, समाज में यह आम सोंच हो गई है कि अब दुनिया में ईमानदारी नाम की कोई चीज अब नहीं रह गई है। लेकिन आज हम आपको ऐसी खबर से रूबरू कराते हैं जिसे जानकर लोगों में ये विश्वास फिर से जिन्दा हो जाएगा कि, नहीं अभी भी इस दुनिया में ऐसे लोग हैं जो ईमानदारी की रस्सी को बड़ी ही मज़बूती से पकड़ रखा है। दरअसल, शुक्रवार को दिन के क़रीब 11 बजे लहेरियासराय के निकट चट्टी गुमटी के पास से एक पत्रकार लाल बाबू अंसारी जा ही रहे थे। तभी रास्ते मे अचानक उनकी नज़र सड़क पर गिरे एक पर्स पर पड़ी। उन्होंने अपनी मोटरसाइकिल रोकी और पर्स को उठाया। पर्स खोलने से पता चला के पर्स में कई एटीएम कार्ड के इलावे एक पैन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज़ो के साथ कुछ रुपए भी हैं। अंसारी ने सड़क पर इधर उधर नज़र दौड़ाया के अगर कोई पर्स खोजता हुआ आए तो उसे वापस कर दूं। लेकिन कुछ देर बीतने के बाद जब कोई नही आया तो वे वहां से निकलकर अपने पत्रकार साथी के घर पर चले गए और वहां उन्होंने अपने साथियों से पर्स मिलने का ज़िक्र किया। अंसारी ने पर्स को जब अच्छी तरह से चेक किया तो उसमें एक पुर्ज़े पर मोबाइल नम्बर लिखा मिला। तुरंत ही उस नम्बर पर फोन कर सम्पर्क किया गया और पर्स के मालिक नवीन कुमार झा को बुलवाया गया। पर्स मालिक जल्द ही अंसारी के बताए पते पर पहुंचे। जहां अंसारी के साथ अन्य पत्रकारों ने ज़रूरी पूछताछ कर सन्तुष्टि उपरांत नवीन कुमार झा को उसकी अमानत सौंप दी। पर्स वापस पाकर नवीन झा काफ़ी ख़ुश हुए और वहां मौजूद सभी पत्रकारों का शुक्रया अदा करते हुए कहा कि आपलोगों ने साबित कर दिया कि आज भी दुनिया मे ईमानदारी जिंदा है, पर्स में कैश पैसा तो ज़्यादा नहीं था लेकिन बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज़ ज़रूर थे जिसकी क़ीमत पैसों से मैं नहीं लगा सकता। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान वहां मौजूद शहर के कई गणमान्य व्यक्ति भी पत्रकार मो0 लालबाबू अंसारी की ईमानदारी के क़ायल हो गए। वहीं अंसारी ने कहा कि एक इंसान होने के नाते ये मेरा फ़र्ज़ था के जिसकी अमानत मुझे मिली है मैं उसे वापस कर दूं, क्योंकि हमारे ईमान का तक़ाज़ा हमें यही सिखाता है।


 


बतादें, कि पर्स मालिक नवीन कुमार झा, पिता संजीव झा वार्ड संख्या 44 मुहल्ला बलभद्रपुर ज़िला दरभंगा के निवासी हैं। इस मौके पर पत्रकार मो0 लालबाबू अंसारी के साथ शहर के पत्रकार अभिषेक कुमार, लालबाबू बीरू एंवम अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।


Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
पीहू को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं
Image
ठाकुर  की रखैल
Image
कोरोना की जंग में वास्तव हीरो  हैं लैब टेक्नीशियन
Image