सावन के जैसी बरसती रहेगी।
फूलो के जैसी महकती रहेगी।
है शान हिन्दी मेरे वतन की,
निखरती रही है सँवरती रहेगी।
---------------------------------
हिन्दी है अभिमान देश का।
हिन्दी है सम्मान देश का।
काम करे सब हिन्दी में अब,
और बढ़ाये मान देश का।
बलराम निगम
सावन के जैसी बरसती रहेगी।
फूलो के जैसी महकती रहेगी।
है शान हिन्दी मेरे वतन की,
निखरती रही है सँवरती रहेगी।
---------------------------------
हिन्दी है अभिमान देश का।
हिन्दी है सम्मान देश का।
काम करे सब हिन्दी में अब,
और बढ़ाये मान देश का।
बलराम निगम