गीत


ना देखा मैंने मांँ को , मांँ का प्यार नहीं देखा 


कैसा होता है आँचल , का संसार नहीं देखा


 


 सब भर चर्चा खूब हुई, बेटी को मार दिया


 सुर्ख रंगों से छपा हुआ , अखबार नहीं देखा


 


 कैसे त्याग दिया जन्मी को तू भी तो एक मांँ थी


 पिता पर मांँ का पहले, ऐसा ऐतबार नहीं देखा


 


 खुश थी देवों की भूमि पर ,कुछ कर्ज उतार सकूंगी


 सांसो के बदले मौत मिली, ऐसा उपहार नहीं देखा


 


 चीख उठा मन मेरा ,तन कुत्तों ने नोंच लिया


 उसने पलट कर एक पल मेरा, चित्तकार नहीं देखा


 


विभा तिवारी


जौनपुर


Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
सफेद दूब-
Image
परिणय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं अनिल कुमार दुबे "अंशु"
Image