(Motivational poem)
सोचते थे फासले ही तो है
खत्म होंगे तो ज़रूर
पता न था फासलों में बाट
एक दिन सुलझाएंगे ज़रूर।
आगे:-
जिस दिन की बात हो
उसे उसी दिन सुलझाएं
जिस पल की बात हो
उसे उसी पल सुलझाएं।
जुड़ते भी पल में है
बिखरते भी पल में है
ये वो रिश्ते है
जो निखरते भी पल में है।
एक दूसरे की कदर कर
हमेशा साथ रहें
कभी आप झुक जाए
तो कभी आप मान जाए।
लगे जहां कदर नहीं
वहां सब भूल जाए
आगे बढ़ खुदको मजबूत बनाएं
आगे बढ़ खुदकी पहचान बनाएं।
रिश्ते- विश्वास,प्यार और कदर की नींव है
नींव- दोस्ती से परे अंधा विश्वास है
विश्वास - मजबूती तो पूरा करता एहसास है
एहसास - सबसे परे रिश्तों को निभाने का नाम है।
#ApurvaShrivastava🙏