मुस्कुराते हैं होंठ और सदा मुस्कुराते रहेंगे।
तुम लाख कोशिश कर लो हम न बदलेंगे।
कितनी ही बाधाएं आईं राहों में मगर देखो;
हम मंज़िल की तलाश में यूंही बढ़ते रहेंगे।
तुम लाख कोशिश.......
वक्त बदला और बदले हालात देखते देखते;
न छोड़ी राह सही और न ग़लत कभी सहेंगे।
तुम लाख कोशिश......
अपने उसूलों की खातिर खोया बहुत कुछ मगर ;
समझोता न गल्त से किया है कभी और न करेंगे।
तुम लाख कोशिश .......
कामनी गुप्ता
जम्मू !