शिव स्मरण


नाग, धारि,  काम आरि  ओम हो
नील लोहित शिव अव्यग्र व्योम हो
नील कंठ अमरनाथ शरण दें
सोमनाथ आदिनाथ तरण दें
आशुतोष चारुविक्रम नाथ हो
वामदेव शूल पाणि तात हो
सर्वज्ञ जगत के गुरू पशुपति  हो
सात्त्विक अष्टमूर्ति अमर यति हो
रूप कोटि-कोटि नाम अनन्त हैं
सदा शिवम पंचवक्त्र भनन्त हैं
महाकाल श्रीकण्ठ भक्तवत्सल हो
वामदेव  गंगधारि  सुफल  हो
राम जपत  शांत रहत शिव सदा
भस्मधारि त्रिपुर आरि शुभ सदा


🌻स्वरचित : 🌻सुनीता द्विवेदी 🌻
🌻कानपुर उत्तरप्रदेश🌻


Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
पीहू को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं
Image
ठाकुर  की रखैल
Image
कोरोना की जंग में वास्तव हीरो  हैं लैब टेक्नीशियन
Image