संत


संत    वही     है    जो    सबको,
सहज  -  सरल, सन्मार्ग दिखाये,
शुचिता रखे  निज तन - मन की,
औ  हरिकथा,  हरिभजन सुनाये,
हरिकथा,     हरिभजन    सुनाये,
अघ  -   अज्ञान,  समूल  मिटाये,
कहते  'कमलाकर'  हैं  संत सदा,
ममता,मानवता का पाठ पढ़ाये।।
     
कवि कमलाकर त्रिपाठी.


Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं रुड़की उत्तराखंड से एकता शर्मा
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं अनिल कुमार दुबे "अंशु"
Image
पितृपक्ष के पावन अवसर पर पौधारोपण करें- अध्यक्ष डाँ रश्मि शुकला
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image