संत वही है जो सबको,
सहज - सरल, सन्मार्ग दिखाये,
शुचिता रखे निज तन - मन की,
औ हरिकथा, हरिभजन सुनाये,
हरिकथा, हरिभजन सुनाये,
अघ - अज्ञान, समूल मिटाये,
कहते 'कमलाकर' हैं संत सदा,
ममता,मानवता का पाठ पढ़ाये।।
कवि कमलाकर त्रिपाठी.
संत