साहित्यिक पंडा नामा:८२२

 



भूपेन्द्र दीक्षित
गाँवन गाँवन अलख जगावौ।
बिरवा लगावौ बिरवा  लगावौ ।
पालौ पोसौ और बढावौ।
बिरवा  लगावौ  बिरवा  लगावौ ।
भुइं का हरियर चूरन ओढावौ।
बिरवा  लगावौ  बिरवा  लगावौ ।
द्वारे द्वारेआंगन आंगन।
 ख्यातनख्यातन म्यांड़न  म्यांड़न ।
अलख जगावौ  बिरवा  लगावौ ।
पर्यावरण की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। वर्तमान युग की समस्त समस्याओं की जड़ है पर्यावरण की उपेक्षा।अभी समय है सब चेत जाएं।समय सबको बार बार मौका नहीं देता।


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