रेलवे नीजिकरण के विरोध में एनएफआईआर का सीआरबी के साथ मीटिंग


    वाराणसी । पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के वाराणसी मण्डल के अध्यक्ष ए एच अंसारी ने बताया के रेलवे का नीजिकरण और कर्मचारियों की कटौती तथा पदों का सरेंडर करने से रेलकर्मियों में आक्रोश है। इसको लेकर पिछले सप्ताह भारतीय रेल पर प्रदर्शन एवं विरोध दिवस भी एनएफआईआर के निर्देश पर मनाया गया था।
       इसी विरोध को देखते हुए रेलवे बोर्ड अध्यक्ष ने रेल भवन , नई दिल्ली में एनएफआईआर से वार्ता के लिए बैठक बुलाई थी। जिसकी अध्यक्षता रेलवे बोर्ड अध्यक्ष ने की। एनएफआईआर के तरफ से यूनियन के महामंत्री डाॅ० एम राघवैया और अध्यक्ष गुमान सिंह शामिल हुए। सरकार की ओर से सीआरबी , डीजी/एच आर और ईडीई/आई आर भाग लिए। बैठक को संबोधित करते हुए सीआरबी ने कोविड-19 के दौरान रेलकर्मियों की भूमिका की सराहना करते हुए रेलवे के विकास की भावी योजनाओं और महत्वपूर्ण उपलब्धियों की चर्चा की।
       एनएफआईआर के अध्यक्ष गुमान सिंह ने कहा कि कोविड-19 के कारण आवधिक स्थानांतरण को अप्रैल 2021 तक  स्थगित किया जाना चाहिए। महामंत्री डाॅ० एम राघवैया ने कहा कि गैर-सुरक्षा श्रेणियों में मौजूदा रिक्तियों को 50 % तक कम करने के रेलवे बोर्ड के मनमाने फैसले से कर्मचारियों को पदोन्नति के अवसर नहीं मिल रहे हैं। एलडीसीई  के तहत पदोन्नति एवं यार्ड स्टिक में संशोधन का निर्णय फेडरेशन के साथ वार्ता के बाद ही लिया जाना चाहिए। महामंत्री ने अन्य मामलों को उठाया जैसे- अर्द्ध प्रशासनिक कर्मचारियों की रेलवे में भर्ती , 20 % कोटा रिक्तियों को आरआरबी/आरआरसी  के बजाय पाठ्यक्रमपूर्ण एक्ट अप्रैंटिसों द्वारा भरने का अधिकार महाप्रबंधकों को देना , डीओपी एण्ड टी के कार्यालय ज्ञापांक दिनांक 23-03 20 के अनुसार वेतन संरचना पदानुक्रम में एमएसीपीएस के तहत वित्तीय उन्नयन , तकनीकी श्रेणियों में वेतन स्तर-1/जीपी-1800 का उन्मूलन , रेलवे में पाइंट्समैन के कैरियर का विकास जैसे मामलों पर सीआरबी से कहा कि रेलवे बोर्ड द्वारा इन्हें प्राथमिकता के से शीध्र निपटाया जाना चाहिए और कर्मचारियों की कोविड-19 के कारण कोरन्टाइन अवधि को विशेष आकस्मिक अवकाश माना जाना चाहिए और ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित कर्मचारियों के परिवारों को एक्सग्रेसिया का भुगतान होना चाहिए। जिन प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण  लाॅकडाउन के कारण रोक दिया गया था उन्हें इस अवधि का स्टाइपेंड दिया जाना चाहिए। महामंत्री राघवैया ने रेलवे मंत्रालय के निर्दिष्ट समूहों पर ट्रेनों के संचालन को साल 2023 से शुरु करने के निर्णय पर रेलवे को नुकसान व इसके नकरात्मक प्रभाव पर एक सूचिबद्ध नोट सीआरबी को समीक्षा एवं सुधार के लिए सौंपा और नीजिकरण के विरुद्ध कर्मचारियों के आक्रोश से सीआरबी को अवगत कराया।
        पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री विनोद राय , कार्यकारी अध्यक्ष पीआरकेएस सह जोनल सचिव एनएफआईआर रमेश मिश्रा , मंडल मंत्री वाराणसी मुरारी लाल मिश्रा आदि ने इस मीटिंग को कर्मचारियों के विरोध का प्रतिफल बताया है।


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