प्रेम का सागर अनन्त है गहरा
अविरल बहता कभी न ठहरा
हर कोई चाहता प्रेम का सागर
प्रेम बिन सूनी जग की गागर
प्रेम का सागर हृदय भाव जगाता
जिसमें सुखमय आनन्द समाता
जीवन का सृजित सार है प्रेम का सागर
करुणामय जग का आधार है प्रेम का सागर
नफ़रत की दीवार मिटाता है प्रेम का सागर
ज़िन्दगी को जन्नत बनाता है प्रेम का सागर
@अतुल पाठक
जनपद हाथरस(उ.प्र.)
मोब-7253099710