कजरिया


**********************


मन हल चल मचावे उमिरिया।
तोरि आँखि में लागल कजरिया।


निंद आवे ना रात भर जगावे,
कारि कजरारि आँखि कजरिया।।


मन करें देखि,हरदम निरेखीं,
बड़ी मतवारि तोरि सुरतिया।।


मन भावे जवन मूर्ति बनाइ,
राँखि प्रेमनगर हिया जियरिया।।


प्यार पनकि धरे लागि मोजर,
मन मचले,हहरे ला छतिया।।


ए राह में ना प्रीत गीत मिली,
खालि दुनियां दुखवा दरदिया।।


         ©️®️
  गणपति सिंह गीत
     छपरा, बिहार


Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं अनिल कुमार दुबे "अंशु"
Image
भोजपुरी भाषा अउर साहित्य के मनीषि बिमलेन्दु पाण्डेय जी के जन्मदिन के बहुते बधाई अउर शुभकामना
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं यमुनानगर हरियाणा से कवियत्री सीमा कौशल
Image